MAHUADANR

Lodh Waterfalls

The Lodh Falls, also known as Budhaghagh falls ,are located at 10 km North-west from the headquarter of mahuadanr block in Latehar district. It is the highest waterfall in Jharkhand and the 21st highest waterfall in India. The falls are located on the Budha River within the Chhota Nagpur Plateau forests. The falls measure a whopping 143 meters (469 ft) and make a thundering sound that could be heard from over 10 KM away. This is a reason enough to visit the falls during the peak of monsoon. Due to its deep location, you must have private transportation or hire the vehicle to visit the falls.

Sugga Bandh Waterfall

It is located on the route of Betla to Netarhat. Suggha band is surrounded by hills which makes it different from other tourist destinations. The cascade falls from the height of 80 feet on the rock. Suggabandh is approximately 57 kms away from Betla National Park. You can come here by your personal vehicle also.

MAHUADANR WOLF SANCTUARY

महुआडांड़ भेड़िया अभ्यारण्य लातेहार जनपद के अंतर्गत महुआडांड़ के सुरम्य चेचारी घाटी में स्थित है |यह पलामू ब्याघ्र आरक्ष के क्षेत्र निदेशक के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन है | इसका क्षेत्रफल 63.256 वर्ग किलोमीटर है। अभयारण्य को विभिन्न भागों में बिखरे हुए 25 संरक्षित वनो में वर्गीकृत किया गया हैं | कृषि क्षेत्र से घिरे ये वन छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा से लगे हुए है | अभयारण्य के इलाके लहरदार है और ज्यादातर अलग ऊंचाई की पर्वत श्रेणियों है। इसकी ऊंचाई 600 मीटर के लगभग है | पहाड़ी का पश्चिमी शीर्ष भाग समतल है जिसे ‘पाट’ कहा जाता है | चीरो, ओरसा और कुकुद अदि इसके प्रमुख पाट हैं। निकट ही बुढा नदी प्रवाहित होती है जिस पर झारखण्ड का सर्वोच्च जल प्रपात बुढा घाघ ( लोध वॉटरफॉल ) स्थित है | यहाँ शीत ऋतू में कड़ाके की ठण्ड पड़ती है तापमान मैदानों में 4.c व पहाडियो 2.c तक गिर जाता है | दुर्लभ वनस्पतियो से आवृत यह प्रदेश भेड़ियों के निवास , आखेट व प्रजनन का केंद्र है | यह अभ्यारण्य अक्टूबर-नवंबर व फरवरी – मार्च में भेड़िया दर्शन के लिए उपयुक्त स्थान है | भालू और हिरन भी यहाँ बहुतायत में मिलते है |

Surkai Ghaghri Fall

यह जलप्रपात लातेहार जिले के महुआडाड प्रखंड से लगभग 13 कि०मी० की दुरी पर महुआडाड-ओर्सा मार्ग पर कुंजी पत्थर नामक स्थान से 1.5 किमी दूर काबरा पाट के सघन व एकांत वन में अवस्थित है |
लातेहार का सुर्कई घाघरी जलप्रपात एक ही धारा में गिरने वाले जल प्रपातों में अत्यंत महत्वपूर्ण है| इसकी धारा अनुमानतः 250-300 फिट की उच्चाई से गिर कर एक छोटे जलाशय का निर्माण करती हुई आगे नदी के रूप में बहती हुई बुढा नदी में मिल जाती है| उच्चाई व सोन्दर्य के दृष्टिकोण से लोध जलप्रपात के पश्चात इस निर्झर का क्षेत्र में संभवतः दूसरा स्थान है|
साल, आसन, अर्जुन, करम, करंज, सिरिस जैसे काष्ठिये तथा अन्य फलदार वृक्षों, जंगली पुष्पों व औषधीय वनस्पतियों के द्वरा इस जलप्रपात के चारो ओर एक सुरम्य मिश्रित वन का निर्माण होता है, जहाँ बंदर, जंगली सूअर, भालू, भेड़िया, नेवला, हाथी जैसे पशु तथा मोर, महुकल आदि विभिन्न प्रकार की ज्ञाताज्ञात प्रजातियों के पक्षियों के कलरव एक दुर्लभ जैव-विविधता पूर्ण पारिस्थितिक तंत्र का दृश्य प्रस्तुत करते हैं |
दूर से ही झरने की आवाज सुनाई देने लगती है, जो गंतव्य तक जाने के रोमांच व उत्साह को बढ़ाने वाली होती है | फिर वहां पहुच कर श्वेत प्रकाशमय दूधिया जलराशि युक्त जलप्रपात में स्नान कर सम्पूर्ण शारीरिक व मानसिक थकान मिटा लेने का विधान है |